इल्म हासिल करने से पहले ये निय्यत होनी चाहिए कि हम उस पर अमल करेंगे और हो सका तो दूसरों को भी तरगी़ब दिलाएंगे।
इल्म को दुन्या के लिए हासिल करना कियामत की निशानियों में से एक है।
नबीय्ये अकरम ﷺ ने कियामत की एक निशानी ये बताई कि दीनी ग़र्ज़ के इलावा इल्म हासिल किया जाएगा।
(سنن الترمذی، باب ماجاء فی علامة حلول المسخ والخسف، ح2211)
अ़ब्दे मुस्तफ़ा
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