इल्म की चाबी
अमीरुल मोमिनीन हज़रते मौलाए काएनात, अलिय्युल मुर्तजा, शेरे खुदा रदिअल्लाहु त'आला अन्हु से मरवी है : इल्म ख़ज़ाना है और सुवाल उस की चाबी है, अल्लाह तुम पर रहम फ़रमाए सुवाल किया करो क्यूंकि इस (या'नी सुवाल करने की सूरत) में चार अफ़राद को सवाब दिया जाता है। सुवाल करने वाले को, जवाब देने वाले को, सुनने वाले और उन से महब्बत करने वालों को।
(فردوس الاخبار، ح4011)
सवाल करने का ये मतलब नहीं है कि आप फिजूल के सवालात से खुद को और दूसरों को परेशान करें बल्कि वही सवाल करें जिस का जवाब आप के लिए जानना जरूरी हो।
अब्दे मुस्तफ़ा
Post a Comment
Leave Your Precious Comment Here