एक हमारे बच्चे हैं
मामुन रशीद ने अपने एक छोटे बच्चे को देखा जिस के हाथ में हिसाब का रजिस्टर था, तो पूछा कि तेरे हाथ में ये क्या है?
बच्चे ने जवाब दिया :
एक ऐसी चीज़ है जिस से ज़हानत क़वी होती है और गफलत से बेदारी हासिल होती है और वहशत से उन्स।
मामुन ने जवाब सुन कर कहा कि मै अल्लाह का शुक्र अदा करता हूँ जिस ने मुझ को ऐसा बच्चा अता किया जो अपनी उम्र के मुनासिब अपने जिस्म की आँख से ज़्यादा अपनी अक़्ल की आँख से देखता है।
(کتاب الاذکیاء لابن جوزی)
एक हमारे बच्चे हैं जो अपनी आँख से ज़्यादा अपने मोबाइल फोन के केमरा से देखते हैं और ज़िन्दगी का एक हिस्सा सेल्फी लेने में ही लगा देते हैं।
कुछ तो पढ़ाई भी सिर्फ डिग्री के लिये करते हैं ताकि रिश्ता तय होते वक़्त कहा जा सके कि "लड़का/लड़की मेट्रिक पास है"।
अब्दे मुस्तफ़ा
Post a Comment
Leave Your Precious Comment Here